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पटना।। बिहार क्रिकेट में क्रिकेट कम राजनीति ज्यादा होती है यह बात कहना बिल्कुल भी गलत नही होगा,क्योकि हाल ही में बीसीसीआई के द्वारा यह माना गया था कि बिहार में बिहार क्रिकेट संघ के दो गुट है जगन्नाथ सिंह गुट और रविशंकर प्रसाद की गुट फिर बीसीसीआई के सबा करीम सिर्फ एक गुट को काम क्यो करने की इजाजत दे देते है जबकि दूसरे के काम को रोक दिया जाता है।।
दरसल बीसीए के जगन्नाथ सिंह ने सबा करीम पर एंटी डोपिंग मैनेजर अभिजीत साल्वी द्वारा कराई जा रही अंडर-16 खिलाड़ियों की आयु जांच में दखल देने के कारण नोटिस भेजा है।।
श्री सिंह ने कहा है कि करीम ने गोपाल बोहरा और रविशंकर की अध्यक्षता वाली निष्कासित समिति द्वारा खिलाड़ियों को चुनने के बाद जांच को रुकवा दिया।नोटिस में लिखा है :-आपने मामले में दखल दिया और साल्वी को उन खिलाड़ियों की मेडिकल जांच करने से रोका जिन्हें मेरी अध्यक्षता वाली समिति ने चुना था। जैसे ही बोहरा की अध्यक्षता वाली समिति के टेस्ट खत्म हो गए आपने फोन पर साल्वी से 57 खिलाड़ियों की जांच करने से मना कर दिया।
उन्होंने कहा, क्लीनिक में स्थिति बिगड़ रही थी इसलिए कोई बुरी घटना न हो जाए तब मैंने आपको फोन किया। आपने मेरा फोन नहीं उठाया। मैंने आपको मैसेज भेजा। यह बातें साफ बताती हैं कि आप सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
सिंह ने करीम को जो संदेश भेजा था उसमें लिखा था, “करीम, जब साल्वी दोनों पक्षों के खिलाड़ियों के मेडिकल टेस्ट लेने के लिए तैयार थे तब आपने फोन कर उन 57 खिलाड़ियों का टेस्ट लेने से उन्हें यह कहते हुए क्यों रोका कि सीओए सिर्फ बोहरा की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा चुने गए खिलाड़ियों की मेडिकल जांच को ही मानेगी। उन्होंने लिखा, “अगर यहां खिलाड़ियों द्वारा माहौल बिगाड़ा जाता है तो बीसीसीआई/सीओए के नाम का गलत इस्तेमाल करने के आरोपी आप होंगे। बिहार क्रिकेट में दो संघ सक्रिया हैं और इसी को लेकर राज्य की क्रिकेट में आए-दिन विवाद होता रहता है।
Jo log biwad karte h unka apna beta kheladi nahi hota islea biwad ko badhwa deta h qki unka beta ka future nahi jura rahta h.BCCI k faisla ko maanana chahye .BCCI k JM ko legal notice vejte h un logon ko saram hona chahye jo biwad karten h.