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Patna: बिहार क्रिकेट का माहौल कुछ दिनों से गर्म चल रहा,वाद विवाद बढ़ता जा रहा है देखा जाए तो बीसीए अध्यक्ष व बीसीए सचिव को बिहार क्रिकेट की सबसे बड़ी चर्चा माना जा रहा है।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के एजीएम से शुरू हुई विवाद अभी तक चलता आ रहा है बीते कल बीसीए सचिव संजय कुमार ने बिहार एकादश टीम की घोषणा की लेकिन उस घोषित टीम को बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने उस टीम लिस्ट को बीसीए द्वारा घोषित नही बताया।

सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार बीसीए अध्यक्ष प्रेस विग्यप्ति जारी कर कहते है कि बीसीए सचिव को जांच होने तक तत्काल निलंबित कर दिया है लेकिन सवाल यह कि क्या बीसीए अध्यक्ष की बात को सचिव नही मानते? क्योकि बिहार क्रिकेट संघ के सचिव तो जिस तरह से कार्य कर रहे है उससे तो नही लगता कि वह निलंबित है?

दूसरी बात यह है कि अगर सचिव को कोई नोटिस नही दिया गया है या उन्हें कोई भी निलंबन को लेकर जानकरी नही दी गई है तो फिर उनके कार्य करने पर अध्यक्ष रोक क्यो लगा रहे है? क्या यह मनमानी नही माना जाए।

ओहि आगर सचिव को इसकी जानकारी दी गयी है फिर भी फैसले को मानने के अलाबा वह अपने कार्य मे जबरन है तो क्या यह बीसीए सचिव की मनमानी है क्योंकि अगर उन्हें बताया गया है कि आपको कार्य से रोक दिया गया है तो क्यो मनमानी से कार्य कर रहे है।

ऐसे ही सवाल जबाब बिहार क्रिकेट में चल रहा है।

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