Home Bihar 17 जूलाई जुम्मे के दिन ताज सर से उतर जाएगा:-आदित्य वर्मा

17 जूलाई जुम्मे के दिन ताज सर से उतर जाएगा:-आदित्य वर्मा

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 06 जुलाई: आदित्य वर्मा ने बीसीए के जिला संघ के एक प्रतिनिधि के अनर्गल वयान बाजी को हताशा का कारण बताया । मै उसके नाम को भी लेना अपने लिए शर्म मानता हु। एक विचारधारा की लड़ाई को किसी बेशर्म ने व्यक्ति गत लड़ाई बना रहा है ।

विश्व क्रिकेट जगत मे मै एक खुले हुए किताब की तरह हूँ । मुझे किसी औने पौने से किसी प्रकार की प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नही है । बीसीसीआई के अध्यक्ष से मेरा क्या समबंध है वह आगे चल कर बिहार के क्रिकेटरो के लिए अच्छी मिशाल बनने वाला है । मुझे यह भी पता है कि बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ने बीसीसीआई के अध्यक्ष के फोन को टेप कर सार्वजनिक रूप से सभी जिला क्रिकेट संघ के अधिकारियों को सुना कर रणजी मैच के समय क्या बोला था।

यही फर्क है बीसीए अध्यक्ष जी के सोच मे और मेरे सोच मे । ईश्वर जानता है कि जब भी मौका मिला मैने बिहार के क्रिकेटरो के विकास हेतु बीसीसीआई के अध्यक्ष को निवेदन किया है । सस्ती लोक प्रियता के लिए कभी काम नही किया है । एक जुआरी के तरह 2003 से बिहार क्रिकेट के लिए बीसीसीआई से लम्बी लड़ाई लड़ी थी । यह भी सच है कि ठगने का काम किया होता जून 2013 मे पैसा ले कर इस केस से सदा के लिए हट जाता आज जिस बिहार क्रिकेट संघ के मान्यता की हलवा पुरी जो खा रहे है वह भटकते ही रहते ।

मेरे चरित्र पर कीचड़ उछाल के आपके बिहार के क्रिकेटरो का भला हो रहा है तो जम कर कीचड़ उछाले । क्रिकेट से जुड़े मामले को ध्यान मे रख कर मुझे गाली देने वाले अपने ऑख बंद कर चिंतन करो की क्या फर्क है तुम्हारे कल मे और आज मे एक जिला संध मे पूर्व मे क्या हुआ था कि बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष को पत्र भेज कर शो कॉज जारी करना पड़ा था । बिहार के क्रिकेटरो के लिए जो भी कुर्बानी देने से पीछे नही हटेगें ।


अंत मे इतना ही कहुँगा कि आने वाले 17 जूलाई को बिहार क्रिकेट एसोसियेसन को बचा सकते हो तो कमसे बचा लो । तुम लोगों ने अपने हथो से बिहार क्रिकेट का कब्र खोद लिया है । सीएबी तो बिहार क्रिकेट को मान्यता दिलाने का काम किया था । आज से एक एक दिन, एक एक पल, एक एक घड़ी 17 जूलाई जुम्मे के दिन कम से कम सर से ताज छिन जाएगी । अब यह कह कर कि मै ही साजिश रच के ताज उतरवा दिया, फिर कोई उपाधि मत दे देना । पाप का घड़ा भर चूका है ।
आदित्य वर्मा

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