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पटना 12 अगस्त: बिहार क्रिकेट संघ के सचिव संजय कुमार के प्रवक्ता राशिद रौशन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बीसीए अध्यक्ष के कार्यकलापों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बीसीए अध्यक्ष अपने ऊपर अविश्वास प्रस्ताव को ले मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं उल्टे सीध फैसले सुनाने लगे हैं।
सचिव प्रवक्ता ने कहा है कि अभी अभी बीसीए के विवादित और गैर – अधिकारिक वेबसाइट डॉट कॉम पर बीसीए के सम्पूर्ण सदस्य और सुपौल जिले के सचिव शशिभूषण सिंह को 6 साल के लिए निलंबित करने की बात सामने आई है मगर विचार करने वाली बात ये है की जिन आरोपों को लगाकर उनको निलंबित किया गया है वो झूठा और बेबुनियाद है और अगर सच भी है तो जिलों के मामले में अध्यक्ष को हस्तक्षेप का अधिकार बीसीए के किस संविधान ने दिया है या खुद ही अध्यक्ष संविधान बन गए हैं।
या कहीं बीसीए अध्यक्ष अपने पद को खतरे में देख कहीं इतने विचलित हो उठे हैं कि सही गलत का फैसला नहीं कर पा रहे हैं। लगभग 27 जिलों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सचिव को एसजीएम में अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग कर दिया है। अध्यक्ष के खिलाफ दर्जन भर आरोप जिला संघ ने लगाया है जिसका डर अध्यक्ष को सता रहा है।
आगामी 30 अगस्त को बीसीए का एसजीएम होना है और अध्यक्ष के कार्यकलापों पर चर्चा की जानी हैं जिसमें जिला संघों से प्राप्त आधिपेक्षा में बिना किसी जानकारी के अपने निजी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए पदों का बंदरबांट के साथ साथ क्रिकेट क्रिया कलापों को भी प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है।
अगर बात करें सचिव के बर्खास्तगी की तो आज के एनसीए के बैठक ने बीसीए अध्यक्ष और उनके खेमे को लोगों का भ्रम तोड़ दिया। बीसीसीआई सचिव संजय कुमार को ही मानती है और पत्राचार के साथ सभी संवाद सचिव संजय कुमार के साथ ही करती है। बीसीए अध्यक्ष से निवेदन है कि खिलाड़ियों और बीसीए से जुड़े लोगों में भ्रामक खबर ना फैलाए और अगर समय मिले तो बीसीए का संविधान एक बार जरूर पढ़ लें अगर अंग्रेजी कि भाषा में दिक्कत हो तो किसी जानकार से हिंदी में समझ ले ताकि असंवैधानिक कार्यों से बचे रहें।
सचिव प्रवक्ता राशिद रौशन ने दावे के साथ कहा है कि बीसीए सचिव संजय कुमार ही हैं इसको बीसीसीआई और एनसीए ने भी साबित किया है। अध्यक्ष का हिसाब जल्द से जल्द चुकता किया जाएगा और बीसीए के पवित्र संविधान के मद्देनजर ना की उनकी तरह तरह संविधान की धज्जियां उड़ा कर।