Home Bihar BCCIने बिहार क्रिकेट लीग कराने की अनुमति नही दी फिर कैसे लांच किया गया बीसीएल?:आदित्य वर्मा

BCCIने बिहार क्रिकेट लीग कराने की अनुमति नही दी फिर कैसे लांच किया गया बीसीएल?:आदित्य वर्मा

by Khelbihar.com

खेलबिहार न्यूज़

पटना 23 अक्टूबर: सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से खुलासा किया है कि बीसीसीआई के आला अधिकारियों से यह जानकारी मिली है कि बिहार मे टी 20 के तर्ज पर बिहार क्रिकेट लीग (बीसीएल) के किसी भी आयोजन के लिए बीसीसीआई से ना कोई सहमति के लिए आग्रह किया है ना बीसीसीआई ने कोई सहमति दिया है ।

मै बिहार क्रिकेट का एक सच्चा समर्थक होने के नाते बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारीयों (विवादित दोनो ग्रूप) से जानना चाह रहा हूँ किस नियम कानून के तहत बीसीएल के प्रायोजकों को यह विवादित लीग कराने की अनुमति दे दिया गया ।।

बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गॉगुली इस तरह के आयोजन के सख्त खिलाफ है क्योंकि कुछ दिन पहले मोहाली के एक कसबे मे ठीक इसी प्रकार के आयोजन को लंका मे दिखा दिया गया था । बहुत ही शातिर तरीके से यह तमाशा करा के बेटींग और फिकसिंग का नया हथकंडा शुरू किया था जिसकी जॉच बीसीसीआई की एसीयू कर रही है और पुलिस थाना मे शिकायत भी दर्ज हुआ है ।

सीएबी दिल से चाह रहा है कि बिहार के क्रिकेटरो के भविष्य के लिए बिहार मे बड़े बड़े प्रायोजक आए । ताजा परिस्थिति मे बिहार क्रिकेट संघ के आपसी झगड़े को देखते हुए बीसीसीआई ने एपेकस काउंसिल के 17.10.20 के बैठक मे बिहार क्रिकेट के संचालन के लिए एक अहम फैसला सुरक्षित कर लिया है ।

बीसीए का खाता विवाद के कारण बैंक ऑफ इंडिया ने बंद कर दिया है , उसके बाद भी तथ्य को छुपा कर बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के ग्रूप ने 16.09.20 को पटना के एक दूसरे बैंक मे बिहार क्रिकेट संघ का खाता खोल दिया है । इससे यह साबित हो गया है कि बीसीएल के प्रायोजक से जो बीसीए के नाम से चेक मिलेगा बह दूसरे खाता के दूारा कैश किया जाएगा।

बिहार क्रिकेट संघ के आपसी झगड़े के अनेक केसो की सुनवाई पटना हाई कोर्ट मे भी चल रही है । बिहार क्रिकेट के नाम पर कुछ ठगो का गिरोह सक्रिय हो गया है जो संघ अपने खिलाड़ियों का टीए डीए मैच फी का भुगतान नही किया है जबकि बीसीसीआई ने करीब 11करोड रूपए का राशि मुहैया कराया था ।

वह राशि कोरोना जैसे महामारी के समय भी खिलाड़ियों को उनका वाजिब पैसा नही मिला लेकिन बीसीए मे अवैध तरीके से नियुक्ति कर करोड़ो रूपय उनके सैलरी पर खर्च कर दिया । बिहार क्रिकेट को बेचने का काम करने वाले को हम बता देना चाह रहे है कि कुछ सट्टेबाज लोग बिहार के भोले भाले खिलाड़ियों के नाम पर बिहार के पावन धरती पर अपना जाल बिछाना चाह रहे है लेकिन सीएबी उनके किसी भी मंसुबा को सफल नही होने देगा ।

2002 से 2018 तक लड़ाई लड़ के बिहार क्रिकेट को दुबारा पटरी पर लाने का काम मै और मेरे मित्रो ने किया है । बिहार क्रिकेट के नाम पर कोई भी गलत सौदा सीएबी नही करने देगा।

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