पटना 9 मार्च: बिहार के रास्ट्रीय एवं जिलास्तरीय क्रिकेटर बिहार क्रिकेट संघ द्वारा लगातार अनदेखा किये जाने पर अब दुसरे राज्य की ओर जाने का फैसला किया है और कई खिलाडी दुसरे राज्य के ओर देख रहे है क्योकि उनका मानना है की अब बिहार में क्रिकेट खेलना मानो समय बरबाद करना है .

आपको बता दे की बिहार क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित सीनियर ट्रायल से लेकर महिला सीनियर ट्रायल और अभी अभी सम्पन हुई जोनल अंडर 19 ट्रायल हो सभी को लेकर लगातार बीसीए के चयनकर्ताओ पर सवाल उठाया गया है .सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चयनकर्ताओ द्वारा लगातार अच्छे खिलाडियों के अनदेखा कर ,परिवार वादी टीम चयन किये जाने पर खिलाडी अब दुसरे राज्य की ओर देख रहे है .सूत्रों ने बताया की कई खिलाडियों ने बिहार को छोड़ने का मन भी बना लिया है चाहे वह महिला खिलाडी हो या पुरुष . सूत्र ने बताया की उन खिलाडियों का साफ कहना है की बिहार में जिसके पास पैसे हो या जिसके पापा की बड़ी पहचान है वही बिहार में क्रिकेट खेल सकता है . लगातार बीसीए ओपन ट्रायल करा टीम बनाती है और प्रदर्शन कंरने वाले खिलाडियों को अनदेखा कर अपनों को महत्व दिया जाता है .

अब सवाल वही क्या बिहार को मान्यता बीसीसीआई तो दे दी है लेकिन बिहार के खिलाडियों को बिहार क्रिकेट संघ मौका कब देंगे, अगर बिहार को क्रिकेट की मान्यता नही थी बीसीसीआई से तो दुसरे राज्य की ओर जाना खिलाडियों को ये तो समझ आता है लेकिन अब मान्यता मिलते हुए भी अपने राज्य को छोड़ दुसरे राज्य के ओर जाना ये तो साफ दिखता है की बीसीए की चयन में कोई तो गड़बड़ी है जो खिलाडियो को मजबूर करती है दुसरे राज्य की ओर जाने को?

आपको बता दे की कुछ दिन पहले बीसीए टूर्नामेंट कमिटी के चेयरमैन संजय सिंह ने कहा था की कोविड 19 के कारण ओपन ट्रायल से टीम बनानी पड़ती है और उन्होंने कहा था की बीसीए के मैच की ऑनलाइन स्कोरिंग से सभी देख सकते है की किस खिलाडी ने कितना रन किया और किसका चयन हुआ है .

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