लंदन 14 मई:  इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) की अंक वितरण प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पांच मैचों की एशेज सीरीज तथा भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज के अंक कैसे बराबर हो सकते हैं.

भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 से 22 जून के बीच साउथम्पटन के एजिस बाउल में डब्ल्यूटीसी फाइनल खेला जाएगा. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने प्रत्येक सीरीज के लिये समान अंक की व्यवस्था की थी ताकि कम टेस्ट मैच खेलने वाली टीम पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े.अभी तक यह बिल्कुल सही है, ऐसा नहीं लगता।

मीडिया रेपिर्ट्स के अनुसार ब्रॉड ने प्रेस एसोसिएशन से बात करते हुए कहा, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप वास्तव में अच्छी अवधारणा है लेकिन मुझे नहीं लगता कि अभी तक यह बिल्कुल सही है. पहली बार इसका आयोजन किया जा रहा है. यह मेरी समझ से परे है कि पांच मैचों की एशेज सीरीज तथा भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज के समान अंक कैसे हो सकते हैं.

मैचों के परिणाम के हिसाब से दिये जा रहे अंक
डब्ल्यूटीसी अंक प्रणाली के तहत श्रृंखला का परिणाम नहीं बल्कि मैचों के परिणाम के हिसाब से अंक दिये जा रहे थे. पांच मैचों की श्रृंखला में प्रत्येक मैच जीतने पर कुल उपलब्ध अंकों के 20 प्रतिशत अंक मिल रहे थे जबकि दो मैचों की श्रृंखला में उपलब्ध अंकों के 50 प्रतिशत अंक मिल रहे थे.

इंग्लैंड के लिए फाइनल में जगह बनाना होगा मुश्किल
इंग्लैंड की तरफ से 146 टेस्ट मैचों में 517 विकेट लेने वाले 34 वर्षीय ब्रॉड ने कहा कि वर्तमान अंक प्रणाली मेंइंग्लैंड के लिये डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचना बेहद मुश्किल होगा. उन्होंने कहा, यह अच्छी अवधारणा है लेकिन इसकी अंक प्रणाली पर काम करने की जरूरत है. हमारे पास मौका था लेकिन इंग्लैंड की टीम जितनी अधिक क्रिकेट खेलती है उसे देखते हुए वर्तमान व्यवस्था में उसके लिये फाइनल में जगह बनाना मुश्किल होगा.

भारत ने आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो श्रृंखलाएं जीतकर इन दोनों टीमों की डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था. आस्ट्रेलिया तीसरे और इंग्लैंड चौथे स्थान पर रहा था.

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