पटना : पूछता है बिहार सीरीज में आज बात करेंगे बिहार क्रिकेट संघ द्वारा जो हर बार टीम का चयन ट्रायल के माध्यम से किया जाता है उसके बारे में ? बीसीसीआई द्वारा आयोजित किए जाने वाले U-19 पुरुष वर्गों की बिहार टीम के चयन के लिए दिनांक 11.09.2022 से 14.09.2022 तक बिहार कैंब्रिज क्रिकेट एकेडमी, नहर रोड नहरपूरा,फुलवारीशरीफ एम्स,पटना में सुबह 9 बजे से ट्रायल (चयन) प्रक्रिया प्रारंभ होगा। जिसमें प्रत्येक जिलों से 09 खिलाड़ी ही भाग लेंगे। इसकी जानकारी बिहार क्रिकेट संघ ने अपने वेबसाइट के माध्यम से दिया है।

लेकिन सवाल आखिर हर बार बिहार क्रिकेट संघ को टीम ट्रायल के माध्यम से ही क्यों बनाती है और बीसीसीआई के बड़े घरेलु क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के लिए भेज दिया जाता है। और टीम का प्रदर्शन आपके सामने होता है। जैसे हेमन ट्रॉफी बीसीए द्वारा कराया गया और प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का कैंप 1 सितंबर से मोइनुल हक़ स्टेडियम में लगाया गया क्या वैसे ही अंडर-19 खिलाड़ियों सहित अन्य आयु वर्ग का टूर्नामेंट आयोजन करके कैंप लगा और टीम बना सकती थी लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया?

अगर बीसीए समय का बहाना बनाती है तो सरा-सर गलत होगा क्योकि हेमन ट्रॉफी के बाद बहुत समय था और है भी लेकिन बीसीए ने ट्रायल के द्वारा ही टीम का चयन करना पसंद किया। इस निणर्य को बिहार क्रिकेट के जानकर गलत बताते हुए आरोप भी लगा रही है की अगर टीम ट्रायल से नहीं बनेगा तो मनपसंद खिलाड़ियों को इंट्री या बाहरी खिलाड़ियों की इंट्री कैसे होगी।

दरसल बिहार क्रिकेट संघ टूर्नामेंट का आयोजन न करने का कारण पैसे की कमी बताई है ये बाते बीसीए के एक पदाधिकारी ने ही खेल बिहार को तब बताई थी जब हेमन टॉफी खत्म होने के बाद पूछा गया था। सवाल यह नहीं है की पैसे की कमी क्यों है पर सवाल यह जरूर है की कबतक टीम ट्रायल के माध्यम से बनाया जायेगा। ट्रायल के माध्यम से इस कार्यकारणी ने हमेशा टीम बना कर भेजी है।

बिहार के साथ मिली बीसीसीआई से क्रिकेट की मान्यता वाले राज्य बिहार से कई कदम आगे है और अच्छी व्यवस्ता खिलाड़ियों को उपलबध करा रहे है। लेकिन बिहार ट्रायल और नाम मात्र की कैंप के अलाव कोई अन्य तरीका नहीं अपना रही है। अगर चाहे तो बिहार ट्रायल के जगह जिला स्तरीय क्रिकेट करा कर अंडर-19 टीम बना सकती है क्योकि उत्तराखंड का 7 सितंबर से ही जिला स्तरीय क्रिकेट शुरू की है।

उत्तराखंड क्रिकेट के एक जिला संघ के पदाधिकारी ने बताया की क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखंड लगातार खिलाड़ियों को अच्छी सुविधा उपलब्ध करवा रही है। सभी मैच टर्फ विकेट पर करवा रही है,जिले से आए बच्चो को रहने,खाने की अच्छी व्यवस्ता की है। इस लीग मैच के बाद टीम का चयन कर आपस में मैच कराया जायेगा और जिसके प्रदर्शन को देखते हुए टीम बनाई जाएगी।

क्या बिहार क्रिकेट संघ को भी इसी तरह ही कोई कदम नहीं उठाना चाहिए? इतने उठते सवालों को क्या जबाब देगी बीसीए ? क्या ट्रायल के बाद खिलाड़ियों को चयन कर आपस में मैच करा कर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन कर कैंप लगाएगा बीसीए? एक बड़ा सवाल कैंप के बाद के मैच की रिपोर्ट्स मीडिया या ऑनलाइन स्कोरिंग करेगा बीसीए? देखते है इन सभी सवालों में किसका जबाब है बीसीए के पास और आगे क्या कदम उठती है बीसीए?

 

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