पटना : बिहार क्रिकेट संघ और विवाद का सम्बन्ध तबसे ज्यादा बढ़ने लगा जब बीसीए से सचिव संजय कुमार को बाहर का रास्ता दिखाया गया।अब आदित्य वर्मा ने बीसीए चुनाव को लेकर जो विवाद सुप्रीम कोर्ट में था और जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है उससे असहमत दिख रहे है उन्होंने प्रेस रिलीज जारी करते हुई कहा है कि “सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हम सहमत नही है।

उन्होंने आगे कहा ” देश के सबसे बड़े न्याय के मंदिर ने भी सिलसिलेवार तरीके से अपने आदेश मे लिखा है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव प्रक्रिया मे क्या-क्या गलतियां हुई है लेकिन यह देखने के लिए माननीय न्यायालय ने सचिव संजय कुमार को पूर्ण अधिकार दे दिया है कि आप इस अलोकतांत्रिक तरीके से संबिधान का अवमानना कर कराए गए चुनाव को किसी भी लीगल फोरम मे जा कर इसकी वैधता को चुनौती दे सकते है।

क्योंकि मेरिट पर होने इस चुनाव के वैधता को नही सुना है इसलिये आपको ये अधिकार दे रहे है।सर्वोच्च न्यायालय ने विपक्ष के अधिवक्ता के बहस के दौरान दिए गए बयान को भी अपने आदेश मे ले लिया है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव मे संबिधान के साथ कोई क्षति नही कि गई है जो पुराना संबिधान सुप्रीम कोर्ट, बीसीसीआई, निबंधन कार्यालय (बिहार सरकार) के पास है उसी के अनुसार इस चुनाव को कराया गया है।

उन्होंने आगे कहा ” सुप्रीम कोर्ट ने कहा अब आप ये समझो की रूल 37(7 ) के अनुसार राज्य के बाहर का चुनाव अधिकारी, डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट संघ के वोटर के सूची को बदल देता है क्या? इसके अलावा अनेक ऐसे बिंदु है जो ये प्रयाप्त है कि इस चुनाव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बीसीसीआई या किसी भी कोर्ट मे चुनौती दे सकते है।

संजय कुमार के नेतृत्व मे सच्चाई के इस लड़ाई मे हर कदम पर हम साथ है मुझे आश्चर्य है कि एक इंसान अपने करतूतों से सुप्रीम कोर्ट को भी नीचा दिखाने से नही चुका है धन्य है बिहार के क्रिकेट प्रेमी जो आज भी जुगाड़ लगा के पहले कोठी पर जा कर समर्थन देने की घोषणा करते है बाद मे पोर्टल पर क्रिकेट के उपर उपदेश दे रहे हैं।

शुरू मे बीसीसीआई के कहने पर बिहार क्रिकेट के हित के लिये हमने भी ये गलती की थी और बेटे के लिए आज भी कर सकते थे लेकिन ऑफर के बाद भी BCA के सचिव संजय कुमार के साथ मै खड़ा हूँ, ये बीसीसीआई को भी कोर्ट में आ कर प्रमाण देना होगा कि जब बीसीसीआई ने Altered Constitution को रिजेक्ट कर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को लौटा दिया था।

कैसे Altered Constitution से ये चुनाव करा के सुप्रीम कोर्ट मे भी झूठ बोला गया। देश के SG श्री तुषार मेहता जो बीसीसीआई के लिए पैरवी कर रहे थे बीसीसीआई ने क्यो विरोध नही किया? क्या बीसीसीआई भी सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान मूक दर्शक बन कर हेल्प कर रहा था समय आने पर पता चल जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here