बल्ला चलाने वाली बिहार स्टेट महिला क्रिकेटर ज्योति की नई पारी

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इमरान अख्तर खान,जमुई✍️

जमुई : प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं होता है। यह उक्ति बिहार महिला सीनियर टीम की खिलाड़ी ज्योति के लिए फीट बैठती है। विपरित परिस्थितियों में भी उसने हिम्मत नहीं हारी और दो-दो फ्रंट पर एक साथ मेहनत किया। उसके इस मेहनत का परिणाम भी सामने आया। पहली बार में ही बीपीएससी क्रेक कर अध्यापक बन गई।

दरअसल पांच वर्षों तक निरंतर सीनियर क्रिकेट बिहार महिला टीम की सदस्य रही जमुई की ज्योति अब शिक्षा के क्षेत्र में अपनी योगदान देगी। बता दें कि ज्योति के पिता दयानंद प्रसाद जमुई अस्पताल में फर्मासिस्ट इंचार्ज हैं। घर की कमजोर स्थिति के बावजूद उसने बीएचयू से 2019 में बैचलर आफ फाइन आर्टस की डिग्री हासिल की। 2019 में ही उसे बिहार की सीनियर महिला टी-20 टीम में पहली बार जगह मिली।

निरंतर पांच वर्षों तक स्टेट टीम की हिस्सा रही। क्रिकेट मैदान में अपना जौहर दिखाने वाली ज्योति को काफी झंझावतों का सामना पड़ा। घर से शादी का दबाव के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी। अपनी पढ़ाई और क्रिकेट में अत्यधिक खर्च होने के कारण उसने बनारस और पटना में छोटी-मोटी नौकरी भी की। उसने ठान लिया था कि वह क्रिकेट खेलने के अलावे जौहर दिखएगी। यही जज्बा उसके लिए काम आया। पहली बार में ही बीपीएससी क्रेक कर अध्यापक की परीक्षा पास कर ली। 27 दिसबंर को वह पूर्णिया में अपना योगदान देगी।

बाकस्

ज्योति की सफलता पर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह , उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह , पूर्व संयुक्त सचिव राजेया कुमार , बब्बू बालोदिया आदि ने हर्ष व्यक्त किया है। अध्यक्ष ने बताया कि ज्योति काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी है। उसने बीपीएससी क्रेक कर यह साबित कर दिया कि वह शिक्षा में भी अव्वल है।

घर में आई दोहरी खुशी

ज्योति का रिजल्ट आने से ठीक दो दिन पहले एक और खुशी का मैसज आया। दरअसल उसकी छोटी बहन सोनम कुमारी ने भी अमीन की परीक्षा पास कर ली। 11 जनवरी का पटना में उसके सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन होगा। एक ही महीने में दोहरी खुशी मिलने पर पिता दयानंद प्रसाद,माता सरिता देवी ,भाई राहुल कुमार व विमल काफी खुश है। स्वजन ने पूरे अस्पताल परिसर में मिठाई बांटकर खुशी जताई।

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