पटना : बिहार सरकार के खेल विभाग द्वारा हाल ही में जिला खेल पदाधिकारी, सहायक निदेशक (खेल), सहायक निदेशक (युवा) एवं व्याख्याता जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति से संबंधित जारी अधिसूचना में डी.पी.एड,बी.पी.एड. एवं एम.पी.एड. जैसे शैक्षणिक अर्हताओं को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।
केवल एन.आई.एस. डिप्लोमाधारी को प्राथमिकता दी गई है। इस संबंध में सदस्य,बिहार विधान परिषद (पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र)-सह-वरिष्ठ भाजपा नेता प्रो.नवल किशोर यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,खेलमंत्री सुरेंद्र मेहता तथा अपर मुख्य सचिव खेल विभाग डॉ.बी.राजेन्दर को पत्र लिखकर संशोधन की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि खेल विभाग के अधीन बिहार खेल सेवा संवर्ग के कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तो की अधिसूचना संख्या-01/स्था०-26(निय०)-02/2024/2640,पटना-15,दिनांक-10.06.2025 निकाला गया है जो न केवल शारीरिक शिक्षा के विद्यार्थियों के हितों के विपरीत है,बल्कि एन.सी.टी.ई.और अन्य नियामक संस्थाओं के मानदंडों के भी प्रतिकूल है। इस अधिसूचना में सिर्फ एनआईएस डिग्रीधारकों को अधिसूचित पद के लिए योग्य माना गया है।
ज्ञातव्य हो कि एनआईएस की डिग्री सिर्फ एक खेल विद्या में दी जाती है जबकि डीपीएड, बीपीएड व एमपीएड की डिग्री शारीरिक शिक्षा विधा के द्वारा लगभग सभी खेल विधा की जानकारी दी जाती है साथ साथ प्रसाशनिक दृष्टिकोण से भी उचित माना गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि एनआईएस डिप्लोमा धारकों को प्रशिक्षक पद हेतु योग्य माना गया है लेकिन व्याख्याता, निदेशक या पदाधिकारी के लिए केवल प्रशिक्षकीय योग्यता को पर्याप्त मानना तर्कसंगत नहीं है।
डीपीएड, बीपीएड और एमपीएड.डिग्री धारक सभी खेलों, खेल संगठन और खेल प्रशासन में प्रशिक्षित होते हैं। व्याख्याता पद हेतु एनसीटीई के नियमानुसार एमपीएड की डिग्री अनिवार्य है जिसे अधिसूचना में पूरी तरह अनदेखा किया गया है। प्रो.नवल किशोर यादव ने यह भी कहा कि देश के अन्य राज्यों में शारीरिक शिक्षा महाविद्यालयों के नियुक्तियों में एमपीएड.,नेट एवं पीएचडी को अनिवार्य किया गया है, जबकि बिहार सरकार द्वारा जारी की गयी अधिसूचना में शारीरिक शिक्षा में स्नातक तक को शामिल नहीं किया गया है।
खेल अर्हता में रेलवे और पुलिस खेलों को प्राथमिकता देना शारीरिक शिक्षा और सामान्य विद्यार्थियों के अवसरों को सीमित करता है। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों को अनिवार्य मानने के बावजूद अधिसूचना में शारीरिक शिक्षा के डिग्रीधारियों की अनदेखी की गई है। उन्होंने पत्र में शारीरिक शिक्षा के महत्व को समझते हुए अधिसूचना में संशोधन करते हुए डीपीएड,बीपीएड व एमपीएड डिग्री को उक्त पदों के लिए योग्य मानने की मांग की है।
संशोधन हेतु शारीरिक शिक्षा विषय के डिग्रीधारियों के लिए पत्र लिखने हेतु माध्यमिक शारीरिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष शिव नारायण पाल,महासचिव गौरी शंकर व शिक्षक नेता संतोष कुमार श्रीवास्तव ने साधुवाद दिया है।