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Patna: पटना : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में जो परिस्थिति अध्यक्ष (बीसीए) राकेश कुमार तिवारी के द्वारा उत्पन्न की जा रही है, जिस तरह से अनैतिक कार्य इस बीच में उनके द्वारा किये गए है, वह बेहद गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है.

चाहे वह चयन कर्ताओं के द्वारा की जा रही चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने की बात हो या कमेटी ऑफ़ मैनेजमेंट के सदस्य जिला संघों के प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह को डराने – धमकाने का मामला हो या पूर्व सचिव आदरणीय रविशंकर प्रसाद सिंह जी के ऊपर मुकदमा कर उन्हें परेशान करने के लिए वर्तमान के सभी कमेटी ऑफ़ मनेजमेंट के सदस्यों से सहमती लेने की बात हो, या फिर 15 नवम्बर सी ओ एम की बैठक में लोकपाल के मुद्दे पर हुए निर्णय को बदलने की बात हो ये सभी मामले बीसीए को अस्थिर करने की एक सफल चाल दिखती है.

हमारे लिए अब उन सभी पत्रों / तथ्यों को बिहार क्रिकेट के सभी जिलों के सम्मानित सदस्यों / बिहार के खेल प्रेमियों और पूर्व वरीय खिलाडियों तथा पूर्व के ऑफिस बेयरर, क्रिकेट प्रशासकों के लिए सार्वजनिक करना जरूरी हो गया है. इस मामले की पूरी जानकारी बीसीसीआई के सभी ऑफिस बेयरर, अधिकारी, सी ई ओ, बीसीसीआई के लोकपाल सह नैतिक अधिकारी , इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आई सी ए) सभी पदाधिकारी, बीसीए के सभी ऑफिस बेयरर और प्रधानमंत्री कार्यालय . गृह मंत्री कार्यालय ओर भारत सरकार के खेल मंत्री को दे दी गयी है. सभी मामलों की प्रमाण सहित जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.

बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के द्वारा सभी वर्ग की चयन प्रक्रिया को रोकने का निर्देश दिया गया , क्या सुप्रीम कोर्ट से संपुष्ट, लोढ़ा कमेटी के अनुसंसा के अनुसार लागू बीसीए का संविधान के अनुरूप है ?

IMG_20200213_135615-1024x835 बीसीए अध्यक्ष पर लगा गया आरोप- बीसीए की इस परिस्थिति के लिए बीसीए अध्यक्ष कर रहे है अनैतिक कार्य-

कमेटी ऑफ़ मैनेजमेंट के सदस्य जिला संघों के प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह को डराने – धमकाने के लिए लिखा गया अध्यक्ष के द्वारा पत्र . तथा पूर्व सचिव आदरणीय रविशंकर प्रसाद सिंह जी के ऊपर मुकदमा कर उन्हें परेशान करने के लिए वर्तमान के सभी कमेटी ऑफ़ मनेजमेंट के सदस्यों से सहमती लेने के लिए भेजा गया पत्र.

Screenshot_2020-02-13-13-55-49-80-1-473x1024 बीसीए अध्यक्ष पर लगा गया आरोप- बीसीए की इस परिस्थिति के लिए बीसीए अध्यक्ष कर रहे है अनैतिक कार्य-

15 नवम्बर सी ओ एम की बैठक में उपस्थित बीसीए के सी ई ओ सुधीर कुमार झा के द्वारा तैयार किये गए ड्राफ्ट (हस्तलिखित) में लोकपाल के मुद्दे पर हुए निर्णय को अध्यक्ष के द्वारा दिए गए मिनट में बदल दिया गया . यही कारण रहा की 15 नवम्बर की हुई सी ओ एम की बैठक को अब तक कमेटी ऑफ़ मनेजमेंट के सभी सदस्यों के द्वारा संपुष्ट नहीं कराया गया , तथा इसे अब तक बीसीए के वेबसाईट biharcricketassociation.in पर नहीं प्रदर्शित किया गया है. जबकि 02 अक्टूबर की सी ओ एम की बैठक को बीसीए के वेबसाईट पर प्रदर्शित किया जा चूका है.

IMG_20200213_135512-713x1024 बीसीए अध्यक्ष पर लगा गया आरोप- बीसीए की इस परिस्थिति के लिए बीसीए अध्यक्ष कर रहे है अनैतिक कार्य-

लोकपाल की नियुक्ति की जानकारी होने पर सी ओ एम के सदस्य कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह और जिला संघों के प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह के द्वारा आशचर्यव्यक्त करते हुए सचिव को लिखा गया पत्र और सचिव के द्वारा दिया गया जवाब

लोकपाल महोदया को अध्यक्ष के द्वारा दिया गया नियुक्ति पत्र. जबकि सचिव के द्वारा ए जी एम के जो एजेंडा तय किये गए थे , उसमे संविधान के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति करने सम्बन्धी निर्णय भी लेना प्रमुख था. लोकपाल महोदया को दिया गया नियुक्ति पत्र.बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की वेबसाइट www.biharcricketassocition.in पर उपलब्ध खबरे

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