मोतिहारी : आज प्रधानमंत्री के मोतिहारी आगमन के अवसर पर उनको क्रिकेट एसोसिएशन के एक पधाधिकारी पवन कुमार के द्वारा (सैकड़ों खिलाड़ियों द्वारा हस्ताक्षरित) जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा गया,जिसमे बीजेपी कोषाध्यक्ष सह बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के कार्यों का पूरा विवरण किया हैं।मोदी को सौंपे गए ज्ञापन में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी पर कई आरोप लगाते हुई न्याय की मांग की गई हैं।
ज्ञापन में कहा गया हैं कि”
महोदय, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आपकी पार्टी के जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के मद्देनजर आपसे मैं पवन कुमार, अध्यक्ष राइजिंग स्टार क्रिकेट क्लब निबंधित ईस्ट चंपारण डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन
• बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) एवं बीसीसीआई, वर्तमान में बीसीए में चल रहे भ्रष्टाचार के संदर्भ में विस्तार से आपको जानकारी देना अपना फर्ज समझता हूँ। बीसीए के द्वारा जिस तरह से बाहरी राज्य के खिलाड़ियों से बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी और उसके मैनेजर कौशल किशोर तिवारी के द्वारा भारी भरकम पैसा लेकर बिहार क्रिकेट टीम में जगह दिया जा रहा है, इससे बिहार के लाखों खिलाड़ियों का भविष्य समाप्त हो रहा है। वो दिन दूर नहीं जब आप सभी माननीय को, राकेश कुमार तिवारी के द्वारा किए जा रहे शोषण से खिलाड़ियों के अत्महत्या की खबर लगातार सुनने को मिले। एक राजनीतिक दल का पदाधिकारी जो अपने पद और पैरवी का दुरुपयोग कर बिहार में क्रिकेट को समाप्त करने में जुटा है, के विरुद्ध आप सबों को सोचने और निर्णय लेने की जरूरत है। अक्तूबर 2023 में हीं बिहार विधान सभा के सत्र में इस बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और कौशल किशोर तिवारी के द्वारा किए जा रहे समूहिक रुप से पैसा लेकर बिहार टीम में इंट्री कराने पर ध्यानकर्षण प्रस्ताव आया था। जिसमें कौशल किशोर तिवारी का पैसा का लेन देन का वायरल औडियो वीडियो भी सुनाया गया था, जांच की मांग की गई थी, मगर आज तक कुछ भी नहीं हो पाया। राकेश कुमार तिवारी समूहिक रूप से बोल रहा है कि पैसा देकर सब मैनेज हो गया। इसी उम्मीद से यह पत्र आप सभी सम्मानित माननीय को भेज रहा हूँ, कि भाजपा कोषाध्यक्ष तथा बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी, जिसके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले विभिन्न न्यायालयों, विभागो में चल रहे है, जो अपने आपको और आदरणीय अमित शाह जी के साथ अपनी करीबी रिस्ते का उदाहरण देकर क्रिकेट से जुड़े लोगों पर अपनी धाक बढ़ाने का काम करता है। यह व्यक्ति लड़कियों का बलात्कार करने के बाद अपने साथ अमित शाह जी की तस्वीर दिखा कर उसे डराता है।
बिहार क्रिकेट संघ में दूसरे राज्य के खिलाड़ियों को नियम कानून को ताक पर रखकर बिहार के किसी से स्थानीयता का प्रमाण पत्र बनवा कर बोर्ड के मैचों और कैंप में शामिल किया जाता है।
जिन खिलाड़ियाँ का नाम हम मोगों में उदाहरण के रूप में दिया है, उसे श्रीमान के यहाँ भी दे रहा हूँ।
1. समस्त मिश्रा शास्त्री, 2. आदर्श पांडे, 3. सौरभ सोनी, 4. अजीत सिंह, 5. मानिक शर्मा, 6. कृष्ण कुमार यादव, 7. यशपाल यादव, 8. आनंद प्रकाश उर्फ आनंद शर्मा सहित कई अन्य
इनलोगों का विहार से कोई संबंध नहीं है, और इन लोगो ने 50 साख से 1 करोड़ की राशि दे कर बिहार टीम में अपनी जगह बनाई है। इन लोगों का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया गया है, और इस पूरे रैकेट को अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी अपने मैनेजर कौशल किशोर तिवारी के माध्यम से चलाता है। कौशल किशोर तिवारी के नाम से कई बैंक बाते संचालित है जो प्रत्येक सीजन में बंद कर दिए जाते हैं। उनकी जांच हो तो भ्रष्टाचार की गंगोत्री का स्वतः पता चल आयेगा।
इस पूरे खेल को प्रमाणित करने के लिए संघ के क्रिकेट प्रभारी और उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, सचिव जियाउन अरेफिन संयुक्त सचिव प्रिय कुमारी, कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह, कार्यालय में काम करने वाले सी ई ओ मनीष राज, सुनौल कुमार सिंह, अजीत कुमार चन्दन, संतोष कुमार झा, मनीष कुमार मुनीम, सेलेक्टर्स सिनीयर और जूनीयर (पुरुष एवं महिला) से गंभीरता से पूछताछ किया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है की अगर इनलोगो को बुला कर इनसे जानकारी ली जाए तो बिहार क्रिकेट में हो रहे भ्रष्टाचार, पैसा लेकर बाहरी राज्यों के प्लेयर्स को बिहार से खेलाने के मूल अपराधी तक पहुंचा जा सकता है। क्योकि इसमें से कुछ लोग बिहार क्रिकेट के पदाधिकारीगण हैं तो कार्यालय के सक्रीय कर्मचारी है।

अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की मनमानी का आलम यह है कि महीनो वर्षों तक आम सभा और COM के बैठको की Proceedings वेबसाइट पर नहीं चढ़ाई जाती है, और इसमें भी कुछ ऐसे फैसले जो नहीं हुए हैं, को बाद में जोड़ दिया जाता है। इसके लिए आम सभा तथा COM में उपस्थित सदस्यों की सूची लेकर कनफर्म किया जा सकता है, हर बैठक में एक-दो फैसले गलत तरीके से डाले जाते है जिसका एक ताजा उदाहरण ये है की विगत 21 जनवरी को एक भावना नाम की महिला का चयन वेवनार के मध्यम से किया गया जिसका इंटरव्यू सीईओ मनीष राज ने लिया, जबकि पूरे कॉम के किसी भी सदस्य को इसकी जानकारी भी नही थी। उसकी सैलरी 1 लाख रुपए तय की गई है जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी। किन परिस्थितियों में इनका चयन किया गया ये तो अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन सूत्र बताते है की किसी अति संवेदनशील मुद्दे की वजह से अध्यक्ष ब्लैकमेल हो रहे थे कोई भी व्यक्ति इस आदमी के गलत करने और मनमानी रवैये का विरोध करने की हिम्मत नहीं करता है, जो करता है, या करने की सोचता है, उसे नाजायज तरीके से बिहार क्रिकेट के सिस्टम से हीं बाहर कर दिया जाता है, जिसके उदाहरण पूर्व सचिव संजय कुमार, अमित कुमार, पूर्व संयुक्त सचिव अरविंद सिंह, पूर्व गवर्निंग कौशील के कनटीनर अरविंद सिंह संजय सिंह प्रमुख हैं।
बिहार में भाजपा की सरकार आने के बाद तो अब यह राकेश कुमार तिवारी, राज्य सत्ता में होने के कारण सरकार के विभागों और पुलिस प्रशासन के द्वारा की जा रही जांच को किसी भी स्तर पर प्रभावित करेगा। हाल में ही हमलोगो ने आर्थिक अपराध इकाई, बिहार को इसके द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराध पर आवेदन दिवा है, पूर्व से भी आर्थिक अपराध इकाई इसके खिलाफ जांच कर रही है, हम सब चाहते हैं कि इस जांच को पारदर्शी तरीके से करवाने के लिए निर्देश देने की कृपा की जाए।
सबसे बड़ा मामला जो आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है, वो यह है कि राकेश कुमार तिवारी के सह पर कौशल किशोर तिवारी बाहरी खिसाड़ियों को शिवहर सहित अन्य जिलों से इंटर करवाता है, और उसे कैंप में फिर टीम में शामिल करवाता है। हम श्रीमान से आग्रह करते हैं कि शिवहर जिला से तीन साल में बिहार क्रिकेट संघ की अनुशंसित किए गए प्लेयर्स के द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी कागजात की सघन जांच की जाय। इसके बाद अन्य और कई जिलों से भी दूसरे राज्य के प्लेयर्स को बिहार की टीम में खेलाने के रैकेट का भंडाफोर हो जाएगा।
हमलोगों ने जो 8 (आठ) नाम ऊपर में दिये हैं, अगर इनसे पूछताछ की जाय, इनके मोबाइल टावर लोकेशन को ट्रेस किया जाय, इन खिलाड़ियों के बिहार कनेक्सन की जांघ सूक्ष्मता से की जाए, तो पता चलेगा कि ये लोग बिहार में कितने दिनों तक रहें हैं, और कब से रह रहें हैं। हम लोगों को उम्मीद है कि बिहार क्रिकेट संघ के खेल और मैच से जुड़े पदाधिकारी और कर्मचारियों से भी बात करने पर बहुत से बातों का खुलासा हो सकता है। एक दो वर्ष में शिवहर जिल्ला से आए हुए खिलाड़ियों की गहन जांच हो तो काफी कुछ सामने आ सकता है, और कौशल किसोर तिवारी तथा बाहरी बिलड़ियों का कनेक्सन सामने आ सकता है।
कौशल किसोर तिवारी का पैसे के लेन देन का ऑडियो वीडियो बहुत दिनों से सोशल मीडिया पर चल रहा है, पुलिस प्रशासन को भी दी गई, मगर आज तक इसकी जांच नहीं हो पाई, यह इस व्यक्ति के द्वारा जांच को प्रभावित करने और करवाने का सबसे बड़ा उदाहरण है, हम निवेदन करते हैं कि इस ऑडियो की जांच करवाने के लिए भी निर्देश देने की कृपा की बारा
बिहार क्रिकेट संघ बिहार के खिलारियों के लिए है, बाहर के प्लेयर्स के लिए बोर्ड ने नियम बना रखे हैं।
हम निवेदन करते हैं, कि बिहार के प्लेपर्स के हक को दिलवाने के लिए इस आवेदन पर गंभीरता पूर्वक जांच कारवाई जाय, ताकि बिहार में चल रहे इस भ्रष्टाचार का अंतः हो सके, और भाजपा के पदाधिकारी बन कर भैंस बमाने की अनैतिक आचरण पर लगाम लगाया जा सके।
इस राकेश कुमार तिवारी के आचरण से बिहार में भाजपा की साख भी समाज में प्रभावित हो रही है, क्योंकि क्रिकेट हर गांव और मोहल्ले से आते हैं, तथा बिहार में एक बात आम है कि बिहार में क्रिकेट खेलना हो तो भाजपा कोषाध्यक्ष तथा बिहार क्रिकेट के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के दलाल कौशल किशोर तिवारी को पैसा दो और टीम में शामिल हो जाओ।
अतः हम बिहार के आम लॉगों की ओर से आग्रह करते हैं कि बिहार किक्रेट में चल रहे भ्रष्टाचार की जांच करवाकर, बिहारी खिलाड़ियों के हरू रक्षा करने की कृपा की जाय, क्योंकि यह राकेश कुमार तिवारी भाजपा का सक्रिय पदाधिकारी बनकर, भाजपा को प्रभावित करने का काम कर रहा है।
अतः जाँच करवाने की कृपा की जाए, हम सब इसके लिए सदा आभारी रहेंगे।