Home Bihar अब पाला बदल लालच के लिए बीसीए सचिव पर लगा रहे आरोप ज्ञानेश्वर गौतम:रितेश कुमार

अब पाला बदल लालच के लिए बीसीए सचिव पर लगा रहे आरोप ज्ञानेश्वर गौतम:रितेश कुमार

by Khelbihar.com

PATNA 09 जुलाई: कटिहार जिला क्रिकेट संघ के सचिव रितेश कुमार ने बीसीए सचिव संजय कुमार पर दिए बयान पलटवार किया है। रितेश कुमार ने ज्ञानेश्वर गौतम को लेकर कहा” खिलाड़ियों के विकास के लिए आए हुए पैसों का जिस तरह बंदर बाट चला रहा था उसके रोक के लिए खाता संचालन पर रोक लगा खिलाड़ियों के भविष्य के लिए व्यवस्था की गई वरना अब तक तो सारा पैसा अध्यक्ष और उनके साथी सहायक चट कर गए होते ।

आपको बता दे इससे पहले आज ही 9 जुलाई को ईस्ट चंपारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव ज्ञानेश्वर गौतम ने एक बयान ने कहा था कि” बीसीए खाते पर पावंदी लगाने वाले कभी क्रिकेट के रहनुमा नही हो सकते है।।

रितेश कुमार ने आगे कहा ” ज्ञानेश्वर जी की कल तक खुद ही बीसीए की विभिन्न बैठकों में अध्यक्ष के लिए कारनामों पर उंगली उठाते रहे हैं और अचानक सचिव के द्वारा बीसीए के पक्ष में किए कार्यों पर इस तरह का बेबुनियाद बयान साबित करता है की अध्यक्ष से इनकी सेटिंग हो गई है।

आगे श्री कुमार का कहना है की बीसीए एक संस्था है लेकिन संस्था और बीसीए संविधान के विरुद्ध लोगों को पद दे कर लाखो रुपए बांटे गए हैं बीसीए के चुनाव में अध्यक्ष राकेश तिवारी के चुनाव अभिकर्ता रहे नीरज राठौर को जीएम बना लाखो रूपये दिए जाते हैं और बीसीए में चुनाव लडने वाले सुबीर मिश्र को जीएम बनाया जाता है और लाखों रुपए दिए जाते हैं ।

उन्होंने आगे कहा” सचिव के विरुद्ध साजिश कर उनके जांच में जिसको जांचकर्ता बनाया जाता है उसे भी जीएम बना लाखो रुपए इनाम दिए जाता है साथ ही धर्मवीर पटवर्धन समेत कितने अध्यक्ष के चहेतों को लाखो रुपए वेतन के तौर पर दिया गया है जिसकी जांच सचिव महोदय द्वारा कराने के बाद सभी उक्त पैसों को रिकवर कराया जाएगा।

संजय कुमार को लेकर ज्ञानेश्वर गौतम ने किया बड़ा ख़ुलासा, कहा खाते बंद करवाने वाले क्रिकेट के रहनुमा नहीं।

खिलाड़ियों के हित में कितना खर्च हुआ उसका हिसाब दिया जाए।वहीं अध्यक्ष द्वारा अपने करीबी लोगों को पद और पैसा उस वक्त बांटा जाता है जब कोरोना काल में कोई कार्य नहीं हुआ और कार्यालय बंद था इससे साफ जाहिर होता है की ये बीसीए के विकास के लिए आए राशि का सीधे- सीधे दुरुपयोग किया जा रहा था जिसके लिए खाता संचालन पर रोक जरूरी था।

सबसे महत्वपूर्ण ये है की हमारे साथी ज्ञानेश्वरी जी पहले साफ करें की किस पक्ष में है न्यायसंगत या भ्रष्टाचारियों के और अपने निजी फायदे के लिए किसी के विरुद्ध अनाप शनाप बयान दे कर अध्यक्ष को खुश करना बंद कर दें।

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