Home Bihar बीसीए अध्यक्ष पर लगा हाई कोर्ट अवमानना का आरोप,सचिव अपने पद पर बरकरार

बीसीए अध्यक्ष पर लगा हाई कोर्ट अवमानना का आरोप,सचिव अपने पद पर बरकरार

by Khelbihar.com

PATNA 16 मई: बिहार क्रिकेट संघ के मीडिया कमिटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर खेलबिहार को जानकारी दी कि बीसीए नैतिक ऑफिसर(एथिक ऑफिसर)सह लोकपाल ने बीसीए से निलंबित सचिव संजय कुमार पर लगे सभी आरोपो को सही पाया है और उसे एक साल तक क्रिकेट गतिविधियों से दूर रहने व निलंबित करने का आदेश दिया है।।(एथिक्स ऑफिसर का आदेश पत्र खेलबिहार के पास महजूद है)।।

इस पर बीसीए सचिव संजय कुमार के प्रवक्ता राशिद रौशन ने खेलबिहार से कहा” बिहार क्रिकेट संघ में कथित एथिक्स ऑफिसर (अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश)  राघवेन्द्र प्रसाद सिंह के कार्य पर उच्च न्यायालय ने एक वर्ष से रोक लगा रखा है फिर भी उनके द्वारा किसी भी मामले दखल देना या सुनवाई करना या फिर फैसला सुनाना उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है

हाई कोर्ट का आदेश

सबसे बड़ी बात ये है की बीसीए अध्यक्ष या उनके सहयोगी लोभ में इस तरह की हरकतें लगातार करते आए हैं मगर (अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश)  राघवेन्द्र प्रसाद सिंह के द्वारा इस तरह की गलती बीसीए के सभी कार्यकलापों को संदेह के घेरे में लाकर खड़ी करती है।जिस तरह बीसीए सचिव संजय कुमार को बीसीए अध्यक्ष और उनके सहयोगी द्वारा 10 से अधिक बार निलंबित किया जा चुका है ऐसा लगता है की बीसीए के बाकी पदाधिकारी सचिव संजय कुमार से डरे हुए हैं अब चाहे कारण जो भी हो।

राशिद रौशन ने आगे बताया कि” बीसीए सचिव संजय कुमार ने तो साफ कहा है कि” बीसीए अध्यक्ष अपने कुकर्मों की कलई खुलने के डर से बेहद घबराए हुए हैं इसी कारण से महीने में एक बार जरूर मुझे निलंबित करने की खबर मीडिया में चलवा देते हैं।इस तरह की अफवाह वो रोज उड़ाते रहते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि मामला उच्च न्यायालय में है और पूर्व एथिक्स ऑफिसर के द्वारा इस मामले में मुझे क्लीन चिट मिल चुका है।

वर्तमान में बीसीए लोकपाल और एथिक्स ऑफिसर पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा हुआ है इसलिए इस तरह के एथिक्स ऑफिसर और आदेश का कोई औचित्य नहीं है।

सचिव संजय कुमार ने कहा” बिहार क्रिकेट और खिलाड़ियों के लिए सदैव कार्य करता रहूंगा।अभी फिलहाल सारे खिलाड़ियों का बीसीसीआई से राशि का भुगतान करा चुका हूं और अब महिला खिलाडियों के भुगतान में प्रयासरत हूं।इस तरह के निम्न स्तर का कार्य अध्यक्ष के तरफ से होता रहा है और होता रहेगा लेकिन बकरियों के पीने से नदियां नहीं सूखती,हम अपना कार्य करते रहेंगे और जल्द ही उच्च न्यायालय के अवमानना के इस मामले को उच्च न्यायालय के संज्ञान में ले जायेंगे।

Related Articles

error: Content is protected !!