Home Bihar बीसीए को बचाने में जुटे पूर्व और वर्तमान सचिव सहित जिला संघ के सदस्य,हुए गुप्त मीटिंग ,देखे

बीसीए को बचाने में जुटे पूर्व और वर्तमान सचिव सहित जिला संघ के सदस्य,हुए गुप्त मीटिंग ,देखे

by Khelbihar.com

पटना 9 अप्रैल: बिहार क्रिकेट लीग को लेकर बिहार क्रिकेट संघ पर बीसीसीआई के द्वारा आगामी `16 अप्रैल को होने वाले बीसीसीआई की एपेक्स कॉउंसिल की बैठक में कोई कठोर निर्णय लिया जा सकता है क्योकि बीसीएल का भी जिक्र बीसीसीआई के एजेंडे में शामिल है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार आज बीसीए के पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह के आवास पर बीसीए के सचिव संजय कुमार व पूर्व सचिव रविशंकर सिंह तथा ईस्ट चम्पारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव ज्ञानेश्वर गौतम की गुप्त मीटिंग हुई है।

सूत्रों के अनुसार मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा किया गया है जिसमे सबसे महत्वपूर्ण बात यह सामने आ रही है की इस बैठक में बीसीए को बीसीसीआई द्वारा निलंबित करने से बचाना है। इस बैठक में बीसीएल को लेकर जो लगातार सवाल उठे थे की बीसीएल को बीसीसीआई ने मान्यता नहीं दिया था फिर भी यह आयोजन किया गया जिससे बीसीसीआई के संबिधान 31 का उलंघन माना जा रहा है जिसमे इस लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों सहित ऑफिसियल व बीसीए से भी बीसीसीआई दुबारा मान्यता छीन सकता है। इस लिए बीसीए के इन पदाधिकारियों ने एक गुप्त बैठक की तथा बीसीसीआई से बीसीए को बचाने की पहल की।

मिल रही जानकारी के अनुसार बीसीसीआई की 16 अप्रैल को होने वाली शीर्ष परिषद की बैठक में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर होने वाले दंडात्मक कार्रवाई से बिहार को बचाने के लिए रणनीति पर भी चर्चा की गई। हाल में संपन्न हुए बिहार क्रिकेट लीग को रोकने के लिए बीसीसीआई के सीईओ हेमांग अमीन के द्वारा दो ईमेल बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को दिया गया था, लेकिन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी एवं अन्य लोगो ने बीसीसीआई के नोटिस और निर्देश की अवहेलना कर न केवल लीग की शुरुआत की बल्कि उसे पूरा भी किया।

23 मार्च को बीसीसीआई के द्वारा भेजे गए ईमेल में बिहार क्रिकेट लीग को गैर मान्यता प्राप्त लीग घोषित करते हुए, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि आप इस लीग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं और उक्त लीग में भाग ले रहे खिलाड़ियों और स्पोर्ट स्टाफ को इस लीग के गैर मान्यता प्राप्त होने की जानकारी दें\ अन्यथा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर बीसीसीआई के संविधान की धारा 31 के आलोक में कारवाई की जाएगी।(खेलबिहार के पास बीसीसीआई की ईमेल उपलब्ध है ) बीसीसीआई की संविधान की धारा 31 के मुताबिक किसी भी संघ के द्वारा बीसीसीआई की अनुमति के बिना आईपीएल की तर्ज पर लीग कराने पर उक्त राज्य संघ को मिलने वाली अनुदान की राशि पर रोक, खिलाड़ियों पर बैन सहित संघ की सदस्यता समाप्त करने जैसी कारवाई किए जाने का प्रावधान है।

सूत्रों बताते है की गुप्त बैठक में चर्चा किया गया की ” बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का मामला है तो अध्यक्ष के अनेकानेक असंवैधानिक कार्यों के कारण, इस संघ को मिलने वाली अनुदान राशि पर बीसीसीआई ने पूर्व से हीं रोक लगा रखी है। चूंकि यह पूरा लीग अध्यक्ष के द्वारा व्यक्तिगत क्षमता से कुछ अवैध लोगों के साथ करवाया गया है, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के किसी भी सदस्य को इस लीग के आयोजन में भागीदार नहीं बनाया गया, यहां तक कि कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के सदस्यों को भी लीग की मान्यता के मामले में अध्यक्ष के द्वारा गुमराह किया गया।इन सभी विंदूओ पर चर्चा के अलावा यह भी विचार किया गया कि

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के द्वारा क्षमा दान के लिए बीसीसीआई को भेजें गए ईमेल में उल्लेख किए गए कारण कि ” मेल को नहीं देखे जाने के कारण, इस लीग को नहीं रोका जा सका” इस पर चर्चा करते हुए विचार व्यक्त किया गया कि इस कारण को बीसीसीआई बीसीए की अक्षमता और संघ की अयोग्यता के अलावा और कुछ नहीं मानेगा। मेल नहीं देखे जाने का बहाना है या बीसीए को डुबाना है।

सूत्रों के अनुसार बैठक में कहा गया जब मेल देख लिया और उसका जवाब भी दे दिया, फिर एक अप्रैल से फ्रेंचाइजी बेस टुर्नामेंट बशिष्ट नारायण सिंह मेमोरियल टी 20 के आयोजन का मतलब क्या होता है। इस टुर्नामेंट में प्रति फ्रेंचाइजी दो लाख रुपए से अधिक लिए जाने की खबर है। इस बैठक का क्या परिणाम होता है, यह तो भविष्य के गर्भ में है, बीसीसीआई के द्वारा बीसीए पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो यह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लिए एक सुखद समाचार होगा। बताया जा रहा है की इस प्रयास में कई पूर्व और वर्तमान प्रशासकों का समर्थन भी बीसीए सचिव को मिल रहा है।

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